शेर सिंह राणा फूलन देवी की हत्या और अफगानिस्तान से पृथ्वीराज चौहान की अस्थियाँ लाकर हुए इतिहास में अमर इन दिनों वे जेल से रिहा होकर फिर से अख़बार की सुर्खियों में में है और अपने सामाजिक और राजनेतिक कोशिशो से देश सुधार की और अग्रसर हो रहे है आइए तो जानते है कोण है शेर सिंह राणा जो की खबरों से लेकर आधुनिक गानों तक छाए हुए है
शेर सिंह राणा के विषय में सही जानकारी आज भी हमारी युवा पीढ़ी को नहीं है ये लेख उसी साहसी युवक के विषय में है
पंकज सिंह दिखने में एक सामान्य युवक
जो की शेर सिंह राणा के नाम से जाने जाते है
शेर सिंह राणा जन्म:17 मई 1976
शेर सिंह राणा जन्म स्थान: उतरा खंड के रुड़की में
शेर सिंह राणा फूलन देवी की हत्या और अफगानिस्तान से पृथ्वीराज चौहान की अस्थियाँ लाकर हुए इतिहास में अमर |
शेर सिंह राणा क्यों जाने जाते है
1.
शेर सिंह राणा ने दस्यु से सांसद बनी फूलन देवी की उन्ही के दिल्ली स्थित सरकारी आवास के सामने गोलियों से
भूनकर हत्या कर देने के बाद खुद ही मीडिया के सामने कबूला !!
2.
शेर सिंह राणा ने अंतिम हिंदू सम्राट कहे
जाने वाले पृथ्वीराज चौहान की अफगानिस्तान के गजनी इलाके में रखी अस्थियों को भारत ले कर आये !!
3.
देश की सबसे
मजबूत मानी जाने वाली तिहाड़ जेल से फिल्मो
की तरह बहार निकल आना
शेर सिंह राणा ने फूलन देवी की हत्या की इस हत्या की वजह
उन्होंने पुलिस को फूलन देवी के हाथो किये गये बहमई हत्याकांड में मारे गए 22 ठाकुरों का बदला बताया जाता है
एक टीवी चेनल को दिए अपने इंटरव्यू
में उन्होंने अपने बारे में ये जानकारी देते हुए कहा की वो अपने 2 अन्य साथीयों के
साथ 25 जुलाई 2001 को दिल्ली स्थित फूलन देवी के सरकारी आवास के ठीक सामने जा कर
उन्होंने 5 गोलिया मारी जिसमे से एक गोली उनके सर पर लगी
इसके 2 दिन बाद जब इस फूलन देवी के हत्या के आरोपी
की हर जगह तलाश जोरो से हो रही थी तब 27 जुलाई 2001 को एक सामान्य सा दिखने वाला युवक जो की अपना नाम शेर सिंह राणा बताता है और
खुद ही आत्म समर्पण कर रातोरात चर्चा में
आ जाता है
शेर सिंह राणा दूसरी बार फिर से तब चर्चा में तब आये जब फूलन देवी हत्या के आरोप में सजा काट रहे वे भारत के सबसे नामी तिहाड़
जेल से 17 फ़रवरी 2004 को जब फरार हो जाते है
शेर सिंह राणा जेल से फरार क्यों हुए इसकी वजह उन्हें इतिहास के पन्नो में अमर करती है
तिहाड़
जेल से निकलने के बाद वो नेपाल, बांग्लादेश, और दुबई के रास्ते होते हुए वो जा पहुचे अफगानिस्तान जहा पर उन्होंने अपनी जान को जोखिम में डाल कर अफगानिस्तान के गजनी से हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान की रखी हुयी अस्थिया 2005 में भारत आये।
इस पूरी घटना का का बकायदा उन्होंने वीडियो भी बनाया इसके बाद राणा ने अपनी मां की मदद से गाजियाबाद के पिलखुआ में पृथ्वीराज चौहान का मंदिर बनवाया, जहां पर उनकी अस्थियां आज भी रखी हुयी है
812 साल से भी आधिक समय से बेज्जत हो
रहे पृथ्वीराज
चौहान की अस्थियो को यू तुर्क की
सरजमी से हमारे मुल्क लाना वाकई में एक साहसिक और इतिहासिक कर्म है
इस तरह शेर सिंह राणा फूलन देवी की हत्या और अफगानिस्तान से पृथ्वीराज चौहान की अस्थियाँ लाकर हुए इतिहास में अमर हुये!!
और अभी हाल ही में 5 दिसम्बर २०१६ को उन्होंने कहा की हमने जो पृथ्वीराज चौहान की
बेवर में अस्थायी समाधि बनाई है। उसे दिल्ली
में अन्यथा हरिद्वार में विशाल समाधि स्थल के रूप में स्थापित करने की
केंद्र सरकार से मांग
करेंगे।
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