नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने नोटबंदी को बताया भरोसे की अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक
सरकार के द्वारा किये गए नोटबंदी के फैसले के विरोध में अब एक और नाम जुड़ गया
है ये नाम है देश के सबसे बड़े रत्न भारत
रत्न और नोबेलपुरस्कार
विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन उनका कहना है सरकार द्वारा लिया गया नोटबंदी का फैसला एक ‘निरंकुश फैसला’ है उनका कहना है इस फैसले से जहा भरोसे पर चलने वाली अर्थव्यवस्था की पूरी की पूरी जड़ पर भी हमला हुवा है
नोटबंदी के फैसले पर उनका ये भी कहना है की इससे बैंक के साथ साथ पूरी इकोनॉमी का महत्व कम होता है।
नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने नोटबंदी को बताया भरोसे की अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का कहना है नोटबंदी का पूरा का पूरा उद्देश्य काले धन को ख़त्म करना है जिसे की हम सब देश वासी चाहते है पर इस फैसले से ये काम नहीं होगा क्योकि देश में काले धन का बहुत ही छोटा सा हिस्सा नगदी के रूप में है ये करीब 6% या 10% से कम। है काले धन से निपटने का ये एक बहुत ही छोटा फैसला है और इससे आम लोगो की मुश्किले बढे गी और देश की अर्थव्यवस्था को भी इस फैसले बाधित होना पड़ेगा
हार्वर्ड
यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन कोण है ?
इनका जन्म कोलकाता में शांति निकेतन में हुआ था,
नकी प्रारम्भिक शिक्षा ढाका में हुई। उन्हें वर्ष १९९८ में अर्थशास्त्र में नोबल सम्मान १९९९ में भारत के सबसे बड़े रत्न भारत रत्न से सम्मनित जा चूका है
सोशल मीडिया पर अमर्त्य सेन के इन विचारो पर जहा कुछ लोग सहमत है तो कुछ का कहना है की “इसमें नया क्या है? वामपंथी सेन सदा से ही मोदी
के प्रति दुराभाव रखते हैं, यदि श्री सेन की ही नीतियाँ
मोदी के हाथों लागू की जाती तो भी श्री सेन संतुष्ट न होते, आलोचना ही करते ।“
वही कुछ लोगो ने यहाँ तक सलाह दे दी
की “देशहित में
कभी-कभार ऐसे फैसलों पर सब्र तो करके देखिए ।अर्थशास्त्र भी संशोधित होता है
श्रीमान् अर्थशास्त्रीजी ।“
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